शादी का खर्च
१.डीजे सिस्टम से लोगो का अधिक पैसा खत्म होता है उसे बंद करना चाहिए |
२.जब
दुल्हन को लेने बारात जाती है तो उस समय जब लेनदेन की बात होती है उसमे भी
हर जगह अलग अलग लेनदेन हो रहा है जिसे अपने आदिवासी समाज में एक ही किया
जाए |
३.उसमे जो लेनदेन नहीं होना चाहिए वो भी होता है ,इसीलिए जो जरुरी है उसी लेनदेन को किया जाए |
४.लेनदेन को आदिवासी भाषा में कोमले बेहवु कहते है |
५.लड़की का दापा दिन बी दिन बढ़ता जा रहा है उसे भी लोग कम करना चाहते है |
दापा का मतलब है - शादी से पहले लड़के पक्ष के लोग लड़की पक्ष के परिवार को तय की हुई रकम अदा करते है जिसे दापा कहते है |
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