जीवन की कई तरह की परेशानियों से झूझते हुए,
अपने माता पिता को खोने का दुःख भी ,
दुःख हुआ पर इतना नहीं की वो दुःख उसे तोड़ पाता,
उसकी तो पढाई,छूट गई पर किसी और की न छूटे ये तमन्ना
उसकी इसी तम्मना ने उसे बहुत आगे तक पहुचाया
गाव के लोग भी उससे खुश हुए,
सबकी चाहत हुई उसे अपना जनप्रतिनिधि बनाने की,
देर नहीं की लोगो ने और उसे अपना वार्डपंच बना ही दिया
वार्डपंच तो नवली बन गई,
पर उसे न कुछ ज्ञान था राजनीति का,
तभी एक अलख जगी जनचेतना की,
उसी से जाना विकास और गाव के काम,
लग गई अपने गाव को बेहतर बनाने में,
काम ऐसा किया की मिसाल बन गई,
मिला सुनहरा मौका उसको विदेश जाने का,
विदेश गई तो अपनी जैसी महिलाओ को जागरूक कर आई ,
देखा उसने वो वहां जो उसे यहाँ करने की ठानी,
आई विदेश से तो हुए उसके गाव के खुश लोग,
आकर उसने काम वो किया,
शिक्षा में अलख जगाई,
जो नहीं भेजते थे अपने बच्चो को स्कूल,
उन्हें समझाया उन्हें योजनाये बताई,
फिर भी जो न भेजे उसका राशन पानी बंद करवाया,
क्या बताऊ उसके बारे में ,है वो ऐसी नवली
कहती है शादी नहीं करुँगी,
जब तक न हो समाज में बदलाव,
जरुरत है ऐसे युवाओ की इस समाज को,
जो बदले समाज,जो बदले समाज